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आनंद

Writer's picture: Chidaksha ChandChidaksha Chand

प्रेम अपने में ही आनंद है

अकारण

अपने में पूर्ण


क्या मिलेगा?

लाभ लोभ?

कुछ भी नहीं मिलेगा


वहीं वो मिल जाता है

सबकुछ

जिसे हमने कभी खोया नहीं

जिसे हम कभी खो नहीं सकते

जो हमारे भीतर मौजूद है




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